वैज्ञानिक प्रयोगो के अनुसार - वैज्ञानिको द्वारा किये गये अपने शोधो द्वारा इस बात को पूर्ण रूप से अच्छे से समझ लिया गया है कि दिशाओं का मानव के जीवन पर प्रभाव पड़ता है | जिस प्रकार से पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव का हिस्सा है उसी प्रकार से मनुष्य का सिर है | मनुष्य के शरीर पर चुम्बकीये तरंगो का गहरा प्रभाव पड़ता है और मानव शरीर स्वयं भी चुम्बकीये तरंगे छोड़ता है | पूर्ण रूप से अच्छी नींद लेने और शरीर को सम्पूर्ण आराम देने के लिए आवश्यक है कि मनुष्य का सिर सदैव दक्षिण दिशा कि और रहना चाहिए क्योंकि दक्षिण दिशा कि और सिर रख कर सोने से चुम्बकीये तरंगे सही दिशा कि और प्रवाहित होती है | इसके विपरीत उत्तर दिशा कि और सिर रख कर सोने से चुम्बकीये तरंगो का मार्ग अवरुद्ध होता है और नींद नहीं आती है |
हिन्दू धर्म ज्योतिष के अनुसार :
1 . पूर्व दिशा का असर- देवताओ के राजा इन्द्र को पूर्व दिशा का स्वामी बताया गया है | सुबह उठते ही इस दिशा का दर्शन करने का मतलब अपनी सम्पनता के लिए भगवान इन्द्र से आशीर्वाद लेने के समान बताया गया है | इस दिशा कि और सिर रख कर सोने से छात्रों कि स्मृति, एकाग्रता और अच्छे स्वास्थ्य मैं वृद्धि होती है |
2 . पश्चिम दिशा का असर - जल के राजा देवता वरुण को पश्चिम दिशा का स्वामी बताया गया है | जो कि हमारी आत्मा, भावना और विचारो पर प्रभाव डालते है | पश्चिम दिशा कि और सिर रख कर सोने से प्रसिद्धि, प्रतिष्ठा और समृद्धि मैं वृद्धि होती है |
3 . दक्षिण दिशा का असर - मृत्यु के देवता यम को दक्षिण दिशा का स्वामी बताया गया है | इस दिशा मैं सिर रख कर और उत्तर दिशा कि और पैर करके सोना स्वाथ्य के लिए सबसे बढ़िया बताया गया है | दक्षिण दिशा मैं सिर रख कर सोने से व्यक्ति को धन, समृद्धि, यश और ख़ुशी कि प्राप्ति तो होती है और व्यक्ति को नींद बहुत अच्छी आती है | इसलिए सोने के लिए इस दिशा को अन्य सभी दिशाओ से बढ़िया बताया गया है |
4 . उत्तर दिशा का असर - धन के राजा कुबेर को इस दिशा का स्वामी बताया गया है | हिन्दू शास्त्रों के अनुसार इस दिशा मैं सिर रखकर सोने से नींद मैं खलवली तो मचती है साथ ही उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता है | जो लोग जो इस दिशा कि तरफ सिर रखकर और दक्षिण दिशा कि और पैर रख कर सोते है उन्हें रात भर नींद नहीं आती है और वो रातभर करवटे बदलते रहते है |